3 महीने का ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स
प्राचीन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी
गुरुवार से शनिवार
ऑनलाइन लाइव सत्र + क्यू एंड ए
4 क्रेडिट कोर्स
अंग्रेजी भाषा
80 मिनट प्रति दिन

इंडोलॉजी और भारतीय ज्ञान प्रणाली में अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन
घर से लाइव सीखें
कोर्स शुल्क
भारतीय छात्र ₹ 6000/-
विदेशी छात्र यूएस $ 150
2500+ मिनट की सामग्री + क्यू एंड ए + ईबुक अध्ययन सामग्री
लाइव क्लास + रिकॉर्डिंग उपलब्ध
[असाइनमेंट + ऑनलाइन एमसीक्यू परीक्षा]
पाठ्यक्रम की अवधि
16 जून से 20 अगस्त 2022
(गुरुवार से शनिवार)
शाम: रात 8:00 बजे से रात 9:20 बजे (आईएसटी)
30 सत्र x 80 मिनट
अपने पर पाठ्यक्रम विवरण प्राप्त करने के लिएWhatsAppनंबर पर क्लिक करें👉🏻 7875191270 और संदेश भेजें
कृप्यायहां क्लिक करेंयदि आप विदेशी छात्र हैं।
आप क्या सीखेंगे?
कोर्स परिचय:विज्ञान और प्रौद्योगिकी की गौरवशाली परंपरा भारत में हजारों वर्षों से विद्यमान है। कई उदाहरण हैं। पुष्पक विमान तो एक झलक मात्र है। हमारे कपड़ों और परिधानों (जैसे ढाका के मलमल) ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। कन्हैया एक बहुत बड़ी नौका का स्वामी था; जिसके बाद वास्को डी गामा कालीकट पहुंचे। धातु विज्ञान इतना उन्नत था कि इसमें सैकड़ों वर्षों तक जंग नहीं लगी। भौतिकी और रसायन शास्त्र का ज्ञान इतना था कि सोना किसी साधारण धातु से बनाया जाता था। ग्रहों और खगोलीय ज्ञान इतना था कि पृथ्वी गोल है और सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी हमारे पूर्वजों ने मापी थी। ग्रहण कैसे होते हैं, नक्षत्रों की गति, सृष्टि की रचना आदि इन सभी विषयों की चर्चा यहाँ सामान्य लोगों ने भी की थी। भारत में आयुर्वेद से स्वास्थ्य प्रणाली (जिसमें सुश्रुत पसंद करने वाले पहले सर्जन थे) का निर्माण किया गया। शून्य और दशमलव प्रणाली विश्व को भारत की अमूल्य देन है। ज्यामिति और बीजगणित, माधव सिद्धांत भारत में प्रचलित थे। भारतीय जीव विज्ञान, वृक्ष आयुर्वेद, पर्यावरण, पशु विज्ञान, हाथी और घोड़ा विज्ञान, मार्शल आर्ट, हथियार और युद्ध, नगर निर्माण, सीवेज सिस्टम, जल प्रबंधन, खनन कार्य, लोहे का काम, जेमोलॉजी में कुशल थे। हमने न जाने कैसे-कैसे हीनभावना और कायरतापूर्ण आक्रमणों के कारण और अंग्रेजों की नीतियों के कारण बहुत कुछ खोया है। अब हमें भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को पुनर्जीवित करना होगा। इस गौरवशाली भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परंपरा का ज्ञान होना हर भारतीय के लिए आवश्यक है।
आप इस कोर्स से क्या सीखेंगे?
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प्राचीन भारत में विज्ञान की उत्पत्ति और स्रोत
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प्राचीन भारतीय सभ्यता में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग
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प्राचीन भारत में विभिन्न प्रकार के विज्ञानों का परिचय
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विश्व में भारतीय योगदान
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आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, वराहमिहिर जैसे वैज्ञानिक ऋषियों का परिचय,
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विज्ञान से संबंधित साहित्य का परिचय
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गणित, खगोल विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान आदि का ज्ञान
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आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, टाउन प्लानिंग, शिप बिल्डिंग आदि का ज्ञान
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घरेलू उपचार के माध्यम से प्राचीन स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली
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विमान और विमान शास्त्र, खनन, धातु विज्ञान, भूविज्ञान, जेमोलॉजी
विषय शामिल
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प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी
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पवित्र पाठ में विज्ञान
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भाषाई विज्ञान - भाषा, लिपि, व्याकरण, ध्वन्यात्मकता, तर्क
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भौतिक विज्ञान – भौतिकी, रसायन विज्ञान, ऊर्जा, गणित, ब्रह्मांड विज्ञान, खगोल विज्ञान, हथियार, सैन्य विज्ञान, भूगोल
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जैविक विज्ञान – कृषि, पशु चिकित्सा, वानिकी, वृक्ष आयुर्वेद, सिंचाई और जल प्रबंधन
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प्राचीन गणित, ज्यामिति और बीजगणित
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मेट्रिक्स, सिविल, कंस्ट्रक्शन, मैकेनिकल, टाउन प्लानिंग, ड्रेनेज, शिप बिल्डिंग सहित प्राचीन वास्तुकला और इंजीनियरिंग
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स्वास्थ्य विज्ञान - आयुर्वेद, सर्जरी, योग
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पृथ्वी विज्ञान उदाहरण के लिए - खनन, धातु विज्ञान, भूविज्ञान, पर्यावरण, जेमोलॉजी
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विमान विद्या
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खगोल
किसी भी पूछताछ के लिए संपर्क करें - व्हाट्सएप:7875191270 / बुलाना:7875743405
सोम से शनि (सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक)
भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज के बारे में...
भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज प्राचीन भारतीय वैदिक ज्ञान, सच्चे भारतीय इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्राचीन सभ्यता पर आधारित ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम आयोजित करता है।
इस कोर्स में शामिल हैं...
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GMeet पर 40 घंटे की लाइव ट्रेनिंग
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प्रश्नोत्तर सत्र
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ईबुक प्रारूप में अध्ययन सामग्री
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कैरियर / अनुसंधान के अवसरों के लिए मार्गदर्शन
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बीएसआईएस द्वारा डिजिटल प्रमाणन
महत्वपूर्ण
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अपने प्रवेश की पुष्टि करने के लिए "अब नामांकन करें" पर क्लिक करें और फॉर्म के साथ राशि का भुगतान करें।
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दुनिया भर के छात्र इस कोर्स में शामिल हो सकते हैं।
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आप क्रेडिट/डेबिट कार्ड/नेट बैंकिंग/UPI - BHIM, GPay, PhonePay द्वारा ऑनलाइन राशि का भुगतान कर सकते हैं।
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आपको कक्षा का विवरण तारीख से एक दिन पहले आपके ईमेल पर मिल जाएगा।
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एक बार भुगतान की गई राशि वापसी योग्य नहीं है। अगले बैच में एडजस्ट किया जा सकता है या दूसरे कोर्स में शिफ्ट किया जा सकता है।
परामर्शदाता और संकाय कौन हैं?
मुख्य सलाहकार:
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स्वामी गोविंददेव गिरि(कोषाध्यक्ष, राम जन्मभूमि ट्रस्ट)
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राजीव मल्होत्रा (संस्थापक, इन्फिनिटी फाउंडेशन, यूएसए)
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प्रो. डॉ. रवींद्र कुलकर्णी (प्रख्यात गणितज्ञ, यूएसए)
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पद्मभूषण विजय भटकर (संस्थापक, मल्टीवर्सिटी)
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डॉ वसंत शिंदे (प्रसिद्ध पुरातत्वविद्)
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प्रो. भाग्यलता पाटस्कर (प्रख्यात इंडोलॉजिस्ट)
अनुभवी संकाय:
सतीश कुलकर्णी, विद्याधर वैद्य, बलभद्र उपाध्याय, नरेंद्र जोशी, डॉ. शशिकांत कात्रे, डॉ. बीएन जगताप, डॉ. रेणुका गोयल, पंडित विकास कशालकर, प्रो. प्रशांत होले
शीर्ष अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
❓मुझे इसके लिए कैसे तैयारी करनी चाहिए
आपको प्राचीन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अवधारणाओं को समझने के लिए कलम, कागज और एक जिज्ञासु दिमाग की आवश्यकता है।
❓ऑनलाइन क्लास इंटरएक्टिव है या सिर्फ एकतरफा?
हमारे सभी ऑनलाइन पाठ्यक्रम अत्यधिक इंटरैक्टिव हैं!
आप न केवल लाइव वीडियो और ऑडियो का आनंद लेंगे बल्कि ट्रेनर के साथ 4 अलग-अलग तरीकों से बातचीत भी करेंगे:
1. प्रत्येक व्याख्यान के अंतिम 15-20 मिनट प्रश्नोत्तर सत्र होंगे।
2. आप चैटबॉक्स में प्रश्न लिख सकते हैं जो अन्य प्रतिभागियों को दिखाई देते हैं, संकाय उन प्रश्नों का उत्तर देंगे।
❓कोर्स कौन संचालित करेगा?
यह लाइव कोर्स बीएसआईएस द्वारा संचालित किया जाएगा। "के बारे में" अनुभाग में हमारे बारे में अधिक जानें।
❓मैं समय पर ऑनलाइन कक्षा में कैसे शामिल होऊंगा?
बुकिंग के बाद, आपको प्रत्येक कक्षा से एक दिन पहले बीएसआईएस सहायता डेस्क से एक ईमेल प्राप्त होगा। जिसमें आपको एक्सेस लिंक और मीट कोड दिया जाएगा।
❓ये लाइव क्लासेस कहाँ से प्रसारित होंगी?
इस लाइव कोर्स का प्रसारण और नियंत्रण मुख्य रूप से पुणे स्थित BSIS कार्यालय से किया जाएगा। संकाय सदस्य अपने-अपने स्थान से जुड़ेंगे।
❓क्या मुझे इस लाइव कोर्स के लिए कोई ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता है?
हाँ ! कृपया Google मीट एप्लिकेशन डाउनलोड करें। पोस्ट-बुकिंग, आप लिंक देखेंगे। यदि आपको लिंक नहीं दिखाई देता है तो चिंता न करें, आपको विस्तृत निर्देश और कक्षा विवरण के साथ ईमेल के माध्यम से लिंक प्राप्त होगा।
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