गायन / वक्तृत्त्व / डबिंगची आवड असणाऱ्यांसाठी
आवाज (स्वर) संस्कार आणि संवर्धन
ऑनलाइन कार्यशाळा
मार्गदर्शक: योगेश सोमण
अभिनेता, पटकथा लेखक, दिग्दर्शक
संकल्पना: प्रा. क्षितिज पाटुकले
आयोजक: विश्व मराठी परिषद, द्वारा साहित्य सेतू

कुणासाठी अधिक उपयुक्त - खरतर सर्वांसाठी ...ज्यांना अभिनेता, गायक, डबिंग, रेडिओ जॉकी, वक्ता, राजकीयनेता, वकील, राजकीय – सामाजिक कार्यकर्ते, असे करिअर करायचे आहेत तसेच प्राध्यापक, शिक्षक, कीर्तनकार, प्रवचनकार, कलाकार, डॉक्टर, इ. सर्वांसाठी अतिशय उपयुक्त कार्यशाळा...
कालावधी
५ दिवस - रोज १ तास
दि: १४ ते १८ जुलै २०२० वेळ: सायंकाळी ७ ते ८ वा
कार्यशाळेतील मधील मुद्दे:
१) आवाज कुणाचा ? आवाज कशाला ?
२) आवाज हेच भांडवल
३) उत्तम आवाजाची गरज कोणाला ? कलाकार, वकील, नेते, इ. प्रत्येकाला
४) आवाज, स्वर आणि पट्टी यांची ओळख
५) आवजाचा रियाझ, व्यायाम, संरक्षण आणि संवर्धन
६) आवाजामुळे करिअर संधी
Recognised by Central Sanskrit University (CSU)

Upcoming Batches :
25 to 28 October 2023
18 to 21 December 2023
4 Days - 4 Sessions
Evening: 8:00pm to 9:15pm
Language: English
Bhishma School of Indian Knowledge System
About the Workshop
देश भर में कई शिलालेख प्रमाणित करते हैं कि मंदिर न केवल भगवान के निवास के रूप में कार्य करते थे, बल्कि भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी संरक्षण देते थे। तीन सहस्राब्दियों से अधिक समय तक, विभिन्न शासकों और राजवंशों ने धर्म को बनाए रखने के लिए मंदिरों का निर्माण किया, कई ग्रंथों में शांति, प्रसिद्धि, धन, धान्य, पुत्र और मोक्ष के अग्रदूत के रूप में मंदिरों के लाभों को सूचीबद्ध किया गया है।
पिछले 200 वर्षों में मंदिर निर्माण गतिविधियों में भारी कमी के साथ, उनके निर्माण और कला के पीछे का विज्ञान और अर्थ सार्वजनिक चर्चा से गायब हो गया। आज, मंदिर केवल हिंदुओं के लिए पूजा स्थल बनकर रह गया है, जिनमें से अधिकांश मंदिर की दीवारों पर अंकित शिल्प के प्रतीक और अर्थ के प्रति उदासीन हैं। हिंदू मंदिर में प्रत्येक डिज़ाइन और मूर्ति एक उद्देश्य के लिए बनाई जाती है, जिसमें अगली पीढ़ियों को एक संहिताबद्ध संदेश दिया जाता है, जो अब अस्तित्व में नहीं है। जिन मंदिरोंने ने शिल्प के माध्यम से मनुष्य का आध्यात्मिक, आधिभौतिक और आधिदैविक उन्नयन किया, वह आज अज्ञान के कारण एक संरचना मात्र बनकर रह गए है।
इस कार्यशाला में मंदिर की दीवारों पर निर्मित शिल्पकला के बारें में जानकारी प्राप्त होगी और इस्लामी आक्रमणों के दौरान उनकी तोड़फोड़/लूट के बावजूद बची इन मूर्तियों द्वारा प्रस्तुत छिपे हुए संदेश को पहचानने की तकनीकों का अध्ययन करनेके तरीके समझाये जाएंगेI
Your Instructor
K.P. Umapathy Acharya
Hereditary Architect
Director, Institute of Sacred Architecture, Kumbakonam

Topics covered in the Workshop
1) भारतीय मूर्तिशास्त्र का परिचय
2) भारतीय मूर्तिशास्त्र का विकास
3) मूर्तिकला के वाड्मयीन स्रोत (वेद, महाकाव्य, तंत्र वाड्मय)
4) मूर्तिकला के भौतिक स्रोत (सिक्के, लेख, चित्र, प्रतिमा )
5) मूर्तिकला का वर्गीकरण
6) मुद्रा ( शरीर, पाद, हस्त ) – परिचय और प्रकार
7) देवताओंके आयुध और वाहनोंका परिचय
8) आदित्य, अग्नि, नवग्रह, अष्टदिक्पाल आदि
9) विष्णु और उनके रूप, विष्णु की पत्नियाँ, हयग्रीव, गरुड़ आदि
10) शिव, शिव लिंग के प्रकार, शिव के अनेक रूप, नंदी, द्वारपाल आदि
11)ब्रह्मा, शक्ती, सप्तमातृका, अप्सरा, सप्तर्षि, नाग आदि
13)बृहत्तर भारत में स्थित देव मूर्ति
What you will benifit from the Workshop
1) लुप्त हो रही मूर्तिशास्त्र शाखा से परिचय होगा
2) मंदिरोंका पूजा स्थल के आलावा अलग रूप में परिचय होगा
3) भारतीय मुर्तिशास्त्र और उसके वैभव का ज्ञान होगा
4) मुर्तियोंको जरिए संरक्षित हमारे इतिहास और संस्कृति का परिचय होगा
5) मूर्तिकला का वर्गीकरण और उसका संरक्षण कैसे किया जाता है उसका ज्ञान होगा
6) विविध देवता और उनके रुपोंका परिचय होगा
7) भारतीय मुर्तिशास्त्र के वाड्मयीन और भौतिक स्रोतों का परिचय होगा
8) मूर्तिकला के जरिए तत्कालीन समाजस्थिति, विभिन्न पंथ और धार्मिक प्रथाओंका ज्ञान होगा
9) बृहत्तर भारत में फैले विस्तृत भारतीय संस्कृति की प्राचीनता का ज्ञान होगा
10) वर्तमान समय में इस धरोहर का महत्त्व और उसमें छिपे सन्देश के बारें में ज्ञान होगा
11) मुर्तिशास्त्र में उपलब्ध अवसर और उपलब्धियोंके बारें में जानकारी प्राप्त होगी
✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक
✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी
✅ सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र
✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)
Important :
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Registration once made will not be cancelled or refunded for any reason. It can be transferred to another person or workshop.
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Zoom Class Link and Details will shared on WhatsApp and Email 4-6 Hours before the Workshop
Workshop Fee : ₹775/-
Contact for any inquiries -
WhatsApp: 7875191270
(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526 / 9309545687
Email: namaste@bhishmaiks.org
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